#ज्ञान_की_बात
एक वरिष्ठ के पास बैठा था। अच्छे व्यापारी हैं। चर्चा के बीच एक आदमी आया , दोनों के बीच खुसुर-फुसर हुई और व्यापारी ने उस आदमी को 5000 रुपया दे दिया।
...उस व्यक्ति को मैं थोड़ा बहुत जानता था। ये भी कि उसकी विश्वसनीयता संदिग्ध थी।
उसके जाने के बाद मैंने व्यापारी से पूछा -
"आपने इसे 5000 रुपये दे दिए...इसकी तो कई कहानी सुन रखा हूँ।
व्यापारी ने हंसते हुए कहा
" बाबू तुमको पता नहीं मैने अपने 1 लाख रुपये बचा लिए "
..मुझे कुछ समझ नहीं आया ...
..मेरे मनोभाव को तौल कर उन्होंने आगे कहा
"देखो मुझे पता है ये आदमी 420 किस्म का है, जिसका पैसा लेता है वापस नहीं करता। कई लोगों को चुना लगा चुका है।
...ये पिछले 2-3 महीने से मेरे आगे-पीछे घूम रहा। मेरा हर काम कर रहा। कई बार तो इसने अनपेक्षित ढंग से मुझे सहयोग भी किया। इतना प्रभावित कर चुका था, मानो एक तरह से मैं ऋणी हो गया था। अब ये आदमी किसी दिन बड़ी रकम मांगता किसी भी बहाने से, तो मैं मना करने की स्थिति में नही था, ये जानते हुए भी कि वो रकम वापस होने से रहा।
सही बता रहा मैं खुद भगवान से विनती करता था कि ये मेरे पास आना छोड़ दे ....।।
...भगवान ने मेरी सुन ली। आज इसे सचमुच में पैसे की जरूरत थी। इसने मांगा और मैंने तुरंत दे दिया। मैं तो मौके की तलाश में था,कि कोई भी छोटी रकम ये लेके रफूचक्कर हो जाये ।।
...अब देखना 5000 को तो ये देगा नहीं ,इसके चक्कर मे ये मुझसे मुंह चुराएगा...भागेगा...मेरे पास आना छोड़ देगा ,और यही तो मैं चाहता भी था। अब ये कभी नहीं आएगा।
...मतलब मेरे 1लाख बच गए न !! 😊😊
...मैने उन्हें प्रणाम किया ।।
"मान गए गुरु व्यापारी बनना इतना आसान नहीं"
इससे एक और बात की सीख मिली। जीवन मे अप्रत्याशित धोखाधड़ी से हम इस कदर निराश हो जाते हैं कि ईश्वर को भी कोसने लग जाते हैं। पर हम भूल जाते हैं , कि सृष्टि रचियता ने हमे बड़ी मुसीबत से बचाने एक ऐसी- छोटी सी समस्या, जिससे निपटने हम सक्षम हैं खड़ी की है और वो भी इसलिए कि हम सचेत रहें ..हमेशा विवेक से काम करते रहें।।
...भगवान भोलेनाथ सबका कल्याण करे।
शुभ-रात्रि 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏