रविवार, 20 नवंबर 2016

Prashant Singh Thakur


Yuva Sathiyo Ke Sath युवा साथियों के साथ


BJP Meeting : Raipur Kushabhau Thakre Parisar



BJP Meeting : Janjgir Nagar Mandal


BJP Meeting : Bodri (Chakarbhatha)




BJP Meeting Tifra , Bilaspur





Prashant Singh Thakur


रविवार, 17 जुलाई 2016

लघु-कथा

लघु-कथा
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''यहां के हम बादशाह है ठाकुर साहब ।।पत्ता नई हिलता अपने बिना ।।''
 अपने ऑफीस में उसने बड़े अभिमान से मुझसे कहा ।।
''अच्छा है भाई ।। हम सबको गर्व है तुम्हारी तरक्की पे''
...शुभ कामना देके मैं अंदर कमरे की बैठक में हिस्सा लेने चला गया ।
   बैठक हुयी ; चाय नाश्ता के बीच अंदर कमरे में चौड़ी छाती के साथ मित्र का प्रवेश हुआ ।
'' नाश्ता बच गया है सबको उठा लो "
ऊंची आवाज में घुरते हुए उसे बड़े साहब ने कहा ।।
..मित्र सिर नीचे कर प्लेट उठाने लगा ।।
      मैंने लम्बी सांस ली और अपने मोबाइल पे फ़ेसबूक ऑन किया । सामने उसी मित्र का आधे घण्टे पहले किया पोस्ट दिख गया ...
''करता हूँ बस अपने आप का
सुनता नहीं किसी के बाप का''
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प्रसंगवश

प्रसंगवश
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पहला प्रसंग -
चन्दनिया पारा के मित्र का कुत्ता चोरी हो गया। थाने में रिपोर्ट कराने गए तो पुलिस वाले झल्ला पड़े
" यही काम और बच गया था हम लोगो के लिए "
...खैर श्वान प्रेम में पड़े मेरे मित्र के बहस से बेबस होकर रिपोर्ट लिखा गया । पहचान के लिए कुत्ते के साथ लिया सेल्फ़ी काम आ गया ।।
....कुत्ता अभी तक नहीं मिला है ।।

दुसरा प्रसंग -
" भैया ए तोर कुकुर ल बने बाँध के रखबे ..भाग जाथे नई तो .."
....तिलई गाँव का दूधवाला मेरे घर में आते ही बोला ।।

" अरे नई ग मोर गब्लू बड़ा ईमानदार हे ..चल दिही त फेर आ जाही " मैं पूरे आत्मविश्वास से बोला ।।

वो हंसने लगा और बोला

" हे हे हे .. का बात करथस भैया ..काल हमर गाँव म पट्टा बंधाए कुकुर कहाँ ले भटक के आ गय रिसे । गाँव के एक झिन टुरा बिस्कुट दीस त ओकर पाछु पाछु चल दिस।
........महंगा कुकुर रिसे. मस्त दिखत रिसे !

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दोनों प्रसंग ने कुछ अनुत्तरित प्रश्न छोड़ दिया जो अब भी मेरे जेहन में है ..
कौन बदल गया है ...आदमी ...जानवर ...ईमानदारी ..।।
... शायद सब कुछ.. या कुछ भी नहीं ।।

लघु-कथा

हाल तालियों की गड़गड़ाहट से अब भी गूंज रहा था । उनके ओजश्वी भाषण से सब मन्त्र मुग्ध थे ।

" संस्कृति और चुनौतियां " इस विषय पर हृदयस्पर्शी - भावनात्मक सम्बोधन ने सबको प्रभावित किया ।।

भाषण पश्च्यात पुनः मंच पर पधारते ही लोगों ने तारीफों के पुल बाँधना शुरू किया ही था कि उनका मोबाईल बज उठा ...

" कुंडी न खड़काओ राजा ,सीधा अंदर आओ राजा ..."
.............हाल में सन्नाटा छा गया ......।।

चरित्र प्रमाण-पत्र

लघु-कथा
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करीब 2 माह पहले की ही बात है, जब मैं बहुत ही खराब हुआ करता था। घमंडी और किसी काम का नहीं था ।।
....अभी -अभी 15 दिन ही हुए मैं बहुत अच्छा हो गया । व्यवहार कुशल और हर काम में दक्ष... योग्य ।।
........ऐसा परिवर्तन अचानक नहीं हुआ ....।।
 मेरा विश्लेषण करने वाले भाई साहब के ऐन वक्त पर उनके काम आ गया .....या यूँ कहिये गिलहरी जैसा योगदान दे दिया ।।
....लो भाई फिर तो हमारा चरित्र प्रमाण-पत्र पूरा साफ़ -सुथरा हो गया ।।
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लघु -कथा

लघु -कथा --------------
महाराजा शेर सिंह के राज्य में आज उत्सव का माहौल था। पिछले साल कम बारिश और अकाल से टूट चुके लोग इस वर्ष अच्छी बारिश से खुश थे।
 ....इनमे सबसे ज्यादा राज्य के चूहे उत्साहित थे । चूहों का समूह घूम -घूम कर आतिशबाज़ी कर रहा था। चूहों ने जगह- जगह फ्लेक्स लगवा रखे थे । महाराजा राजा शेर सिंह जहां भी जाते चूहे उनके पीछे- पीछे जिंदाबाद के नारे लगाते पहुंच जाते । तरह-तरह के खुशामद कर वो महाराजा को आकर्षित करना चाहते थे । पर महाराजा उनको थोड़ा भी भाव नही दे रहे थे।
        व्यवहार कुशलता के लिए प्रसिद्ध महाराजा के इस विचित्र व्यवहार को उनके दूर देश से आये मित्र देख रहे थे और चकित भी थे । ...उनके चेहरे के भाव को महाराजा ने पढ़ लिया ।
     उन्होंने कहा- " मित्रों आप इन चूहों के प्रति अनपेक्षित व्यवहार से विस्मित हैं ....पर आपको पता नही कि पिछले वर्ष कम बारिश के बाद यही चूहे 'गधे' को अपना नेता बनाके इस राज्य से पलायन कर गए थे । इस वर्ष अच्छी बारिश हुई है , फसल अच्छी होगी , शायद इसीलिये .....!!! .
......मित्रों की उलझन दूर हो चुकी थी ।।
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